मेघालय में सीएए के विरोध में भड़की हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत

मेघालय में आदिवासियों और प्रवासियों के बीच हिंसा में मरने वालों की संख्या तीन हो गई है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान करीब तीन दिन पहले भड़की हिंसा रविवार को भी जारी रही, जिसके चलते शिलॉन्ग के कई इलाकों में कर्फ्यू बढ़ा दिया गया, लेकिन इसके बावजूद हिंसा थमी नहीं।


ताजा मामला ईस्ट खासी हिल्स का है, जहां प्रवासी उपहासुद्दीन की तीन लोगों ने उसके घर में घुसकर जान ले ली। इसके बाद उसे खमाटी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। दो दिन पहले खासी स्टूडेंट्स यूनियन का सीएए के विरोध में किया जा रहा प्रदर्शन हिंसात्मक हो गया था। इसके बाद हुई हिंसा में शुक्रवार को एक आदिवासी की ईस्ट खासी हिल्स के इचामती में मौत हो गई थी। 


घटना से हालात इस कदर बिगड़ गए गए अज्ञात हमलावर शिलॉन्ग के बड़ाबाजार इलाके में लोगों को चाकू मारते फिरने लगे। इस घटना में असम से आए एक सब्जीवाले की मौत हो गई जबकि 8 लोग घायल हो गए। ईस्ट खासी हिल्स के एसपी सीए लैंगवा ने बताया कि उपहास पर उस वक्त हमला किया गया जब वह सो रहा था। उन्होंने बताया जांच के दौरान पता चला कि हमला करने वाले तीन लोगों को उसका घर, अंदर दाखिल होने का रास्ता और पीड़ित का बेड भी पता था। इससे लगता है कि उसका मर्डर बिजनेस या निजी दुश्मनी के कारण किया गया हो। " alt="" aria-hidden="true" />



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भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा कि 15 मार्च को वह राजनीतिक पार्टी का ऐलान करेंगे। इसकी घोषणा कहां करेंगे इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा कि यूपी में 2022 के चुनाव भी लड़ने की तैयारियां चल रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देशभर में सीएए व एनआरसी के खिलाफ होने वाले आंदोलन में भीम आर्मी अहम भूमिका निभाएगी। चंद्रशेखर रविवार को लखनऊ के घंटाघर पर सीएए के विरोध में चल रहे आंदोलन में शामिल होना चाहते थे। साथ ही वह लखनऊ के जिलाध्यक्ष अंकित धानुक के घर भी जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने से रोक दिया। उन्होंने कहा कि वह एससी, एसटी वर्ग के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं।
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